जैक मा चीन के एक गरीब परिवार
में पैदा हुये । उनका बचपन बड़ी कठिनाइयो में गुजरा । गरीब परिवार में पैदा होने की
बजह से उन्होने सीखा कि सीमित साधनो और कठिनाइयों मे कैसे जिया जाए । वे पढ़ाई मे
भी अच्छे नहीं थे । वे दो बार कालेज कि प्रवेश परीक्षा मे फेल भी हुये और तीसरे प्रयास मे उन्हें सफलता
मिली। सन 1988 मे उन्होने स्नातक पास किया
उन्हें कभी गणित और विज्ञान समझ मे नहीं आई।
13 वर्ष कि अवस्था मे उन्हें
लगा कि अँग्रेजी भाषा उनका जीवन बदल सकती है । लेकिन वे ये नहीं जानते थे कि अपनी
इंग्लिश कैसे सुधारें । तब उनके मन में एक योजना आई । उस दिन से वे उस होटल में
जाने लगे जहां विदेशी पर्यटक रुकने के लिए आते थे और उन्होने उन पर्यटकों से बातें
करनी शुरू करीं । उन्होने टूरिस्ट गाइड का काम शुरू किया, जिससे कि वो अपनी अँग्रेजी पर अच्छी पकड़
बना सकें
जल्दी ही वे सीख गए कि इंगलिश
को सही उच्चारण के साथ कैसे बोला जाए। साथ ही टूरिस्ट गाइड का काम करते हुये उन्हे
कुछ जेब खर्च भी हासिल होने लगा
बड़े प्रयासो के बाद उन्होने
अपना कैरियर इंगलिश टीचर के रूप में शुरू किया । लेकिन उनके दिल मे कुछ अलग, कुछ खास, करने की
चाहत थी । इस चाहत के कारण वे इंगलिश टीचर के रूप में अपना योगदान ज्यादा दिनो तक
नहीं दे सके ।
कुछ नया करने के लिए उन्होने
एक अनुवादक कंपनी खोली जहां वे सिखाते थे कि चाइनीज़ से इंगलिश और इंगलिश से चाइनीज़
में अनुवाद कैसे करें।
1994 में उन्होने व्यापार के
सिलसिले में अमेरिका की यात्रा की , वहाँ उन्होने पहली बार जाना कि इंटरनेट क्या होता है जैक के लिए ये अजूबा
था। उन दिनो चीन में इंटरनेट ज्यादा
प्रचलित नहीं था।
वे एक दृढ़ निश्चय के साथ चीन
लौटे । चीन लौट कर उन्होने china page नाम कि वैबसाइट लांच की । china page चीन की पहली
इंटरनेट डायरेक्ट्री थी जल्द ही ये साइट बहुत पापुलर हो गई और जैक चीन में Mr
Internet के नाम से प्रसिद्ध हो गए।
चूंकि उन दिनो चीन मे
कम्प्युटर ज्यादा प्रचलित नहीं थे इसलिए जैक china
page को अधिक दिनो तक नहीं चला पाये। और उन्हें इसे बंद करना पड़ा
वे इस बात से बहुत निराश हुये
। अब उन्होने वाणिज्य विभाग में नौकरी शुरू की किन्तु वे उससे संतुष्ट नहीं थे ।
अतः कुछ समय बाद 1999 में उन्होने अपने 17 दोस्तो को घर बुलाया और उनके सामने
ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी बनाने का सुझाव रखा उनके दोस्तो को विचार पसंद आया और वे
उनके काम में पैसा लगाने के लिए सहमत हो गए।
उन्होने अपनी कंपनी का नाम रखा अलीबाबा । और जल्द ही उनकी कंपनी बढ्ने लगी और किस्मत ने उनकी जीवन भर जो परीक्षा ली थी उसके जादुई परिणाम सामने आने लगे।
यह सत्य है कि जैक ने कभी
मैनेजमेंट की पढ़ाई नहीं की और ना ही कभी बिजनेस की ट्रेनिग ही ली, किन्तु उन्होने अपने व्यापार साम्राज्य को
बहुत अच्छे से सँभाला ।
वे कहते हैं “मुझे अकाउंट की रिपोर्टें कभी समझ नहीं आई”
जल्दी ही वे एशिया के दूसरे
नंबर के सबसे धनी व्यापारी बन गए । वे चीन के सबसे धनी आदमी बन गए । और चीन की
सुप्रसिद्ध सोशल नेटवर्किंग साइट बीवों पर उनके 15 लाख फालोवर है इस समय अलीबाबा
ई-कॉमर्स के क्षेत्र में सर्वाधिक मान्य कंपनी है
मुझे लगता है कि यह सत्य
कहानी कुछ जिंदगियों को बदल सकती है यदि आप को भी ऐसा लगता है तो आप भी अपने सोशल
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